

” श्री सरस्वतेय नम :
- वसंत पंचमी क्या है ?
वसंत पंचमी एक हिन्दू त्यौहार है। इस दिन विद्या की देवी माँ सरस्वती की पूजा होती है। इस दिन माँ सरस्वती का जन्म हुआ था।
इस साल वसंत पंचमी 29 जनवरी 2020 बुधवार के दिन है और उसका शुभ मूर्हत सुबह 10 :45 से 12 :34 तक रहेगा। पूजा का समय 01 घंटा 49 मिनिट तक रहेगा। ये दिन किसी भी तरह के सुबह कार्यो की शुरुआत करतने के लिए शुभ माना जाता है।
इस दिन पूजा करने से ज्ञान और बुद्धी की प्राप्ति होती है। माँ सरस्वती की अधिक कृपा बनी रहती है।
कवि ,लेखक ,गायक ,वादक नाटककार , नृत्यकार अपने उपकरणों की पूजा कर माँ की आराधना करते है।

- माँ सरवती की पूजा विधि :-
- प्रात : काल स्नान करके पिले वस्त्र धारण करे।
- माँ सरस्वती की प्रतिमा या फोटो के सामने बैठकर धुप-दिप और अगरबत्ती जलाये।
- उसके बाद कलश स्थापित कर भगवान गणेश ,नवग्रह और माँ सरस्वती की पूजा करे।
- माँ की पूजा से पहले उनका आचमन और स्नान करके उनका शृंगार करे।
- माँ को श्वेत वस्त्र ही अर्पण करे क्योकि माँ श्वेत वस्त्र ही धारण करते है।
- माँ को सफ़ेद या पिले फूल चढ़ाये।
- माँ को खीर या दूध से बनी मिठाई का भोग लगाए।

- वसंत पंचमी की कथा :-
सृष्टि के प्रारंभिक काल में भगवान विष्णु की आज्ञा से ब्रह्माजी ने मनुष्य योनि की रचना की , परन्तु वह अपनी सर्जना से संतुष्ट नहीं थे। तब उन्होंने विष्णु जी के आज्ञा ले कर अपने कमंडल से जल को पृथ्वी पे छिड़क दिया ,जिससे पृथ्वी पर कंपन होने लगा और एक अद्भुत शक्ति में एक सुन्दर स्त्री प्रकट हुई। जिनके एक हाथ में वीणा एवं दूसरा हाथ मुद्रा में था। वही अन्य दोनों हाथों में पुस्तक एवं माला थी।
जब माँ ने वीणा का मधुर नाद किया तो संसार के समस्त जिव-जंतु ओ को वाणी प्राप्त हो गई। इस लिए माँ सरस्वती को वाणी की देवी भी कहा जाता है।
इस लिए वसंत पंचमी के दिन माँ सरस्वती का जन्मदिन एक त्यौहार के जैसे मनाया जाता है।
पुराणों के अनुसार श्री कृष्ण ने खुश होकर माँ सरस्वती को वरदान दिया था की वसंत पंचमी के दिन तुम्हारी आराधना की जाएगी।
माँ सरस्वती को माँ शारदा के नाम से भी पूजा जाता है।

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